भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 219
(लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए स्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा उपस्थित करना)
जो कोई ऐसी किसी संपत्ति के विक्रय में, जो ऐसे लोक सेवक के नाते किसी लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई हो, जानबूझकर बाधा डालेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 1 मास के लिए कारावास, या 5,000 रुपये का जुर्माना, य दोनों
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 184 को (BNS) की धारा 219 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |